शुभ रात्रि दादू

 
 
 
 

दादू ने एक खुशहाल ज़िन्दगी बिताई थी,

एक प्यार करने वाली पत्नी , बच्चों

और नाती पोतों के संग | 

उम्र और ढ़लने पर दादू को 

सबसे छोटी पोती बुलबुल ही सबसे ज्यादा  भाई  थी |

हर रात , दादू बुलबुल को कहानियां 

पढ़कर सुनाते थे |

कहानी सुनते सुनते बुलबुल 

उनकी ही गोद में सो जाया करती थी | 

एक रात , दादू को कुछ थकान सी लग रही थी | 

उन्होंने बुलबुल से कहा ,

“ आज कुछ नया करते है 

क्यों न तुम मुझे एक कहानी पढ़कर सुनाओ “

बुलबुल को यह विचार बहुत पसंद आया 

और उसने अपनी प्रिय पुस्तक उठा ली |

दादू के बगल में बैठकर बुलबुल 

कहानी पढने लगी |

दादू आराम से बिस्तर पर लेट गए 

जल्दी ही उन्होंने आंखें बंद कर लीं | 

धीरे – धीरे दादू गहरी नींद में सो गए | 

बुलबुल ने आहिस्ते से बत्ती बुझा दी, 

फिर झुककर उसने दादू के गाल को चूम लिया

धीमी आवाज़ में बुलबुल ने कहा 

“ शुभ रात्रि , मेरे प्यारे दादू , आराम से सोना” 

उस रात दादू बड़े ही आराम से सोये 

और अब वे हैं फरिश्तों के बीच खोये | 


STORY BY JAMES CRAIG
TRANSLATION BY MALA SINGH
ILLUSTRATION BY ANISHA MALKANI